आखरी गीत मोहोब्बत का सुना तो चलूँ - The Indic Lyrics Database

आखरी गीत मोहोब्बत का सुना तो चलूँ

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - नीला आकाश | वर्ष - 1965

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आखरी गीत मोहोब्बत का सुना तो चलूँ
मैं चला जाऊँगा दो अश्क बहा लूँ तो चलूँ
आज वो दिन है के तू ने मुझे ठुकराया है
अपना अन्जाम इन आँखों को नजर आया है
वहशत-ए-दिल मैं जरा होश में आ लूँ तो चलूँ
आज में गैर हूँ, कुछ दिन हुये मैं गैर ना था
मेरी चाहत, मेरी उल्फ़त से तुझे बैर ना था
मैं हूँ अब गैर यकीं दिल को दिला लूँ तो चलूँ
तेरी दुनिया से मैं एक रोज़ चला जाऊँगा
और गये वक़्त की मानिंद नहीं आऊँगा
फिर ना आने की कसम आज मैं खा लूँ तो चलूँ