एक बार फिर से आजा - The Indic Lyrics Database

एक बार फिर से आजा

गीतकार - ज़िया सरहदी | गायक - NA | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - एलान | वर्ष - 1947

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ग़रीबों पर दया कर के बड़ा एहसान करते हो

ग़रीबों पर दया कर के बड़ा एहसान करते हो

इन्हें बुज़्दिल बना देने का तुम सामान करते हो

इन्हीं को लूटते हो और इन्हें खैरात देते हो

बड़े तुम धर्म वाले हो ये अच्छा दान करते हो

डरो उस वक़्त से जब रंग बदलेगा ज़माने का

ये तुमसे लेंगे बदला इनका अब अपमान करते हो