एक बार चले आओ फिर चाहे न आना - The Indic Lyrics Database

एक बार चले आओ फिर चाहे न आना

गीतकार - NA | गायक - लता देवी | संगीत - NA | फ़िल्म - प्यार की रात | वर्ष - 1949

View in Roman

ग़रीबों की दुनिया जहाँ से निराली

न कोई शहंशाह न कोई सवाली

हैं ज़रदार दुनिया में ज़र के दीवाने

ग़रीबों के घर प्यार के हैं ख़ज़ाने

ग़रीबों की दुनिया का अल्लाह वाली

जो महलों में जलते हैं घी के चिराग़

तो कुटिया में जलते हैं सीने के दाग़

उधर ज़र की सुर्ख़ी इधर ख़ूँ की लाली

अमीरों के सीने से रहता है दूर

ग़रीबों के सीने में अल्लाह का नूर

ग़ुरूरओतकब्बुर से सीना है ख़ाली