सारे ज़माने पे आप आए बहार आई - The Indic Lyrics Database

सारे ज़माने पे आप आए बहार आई

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - आप आए बहार आई | वर्ष - 1971

View in Roman

( सारे ज़माने पे मौसम सुहाने पे
इस दिल दीवाने पे वीरानी सी थी छाई
आप आए बहार आई ) -२आपका ही था सबको इंतज़ार -२
आपके लिए सब थे बेक़रार
हवाएँ घटाएँ फ़िज़ाएँ
बाग़ों में फूलों ने ली झूम के अंगड़ाई
आप आए बहार ...आपने किया आ के एहसान -२
था ये वीराना अब है गुलिस्तान
पुकारें नज़ारे ये सारे
गुलशन की गलियों से कलियों से सुनिए आवाज़ ये आई
आप आए बहार ...लीजिए ना बस अब जाने का नाम -२
रूठ जाएँगे जलवे ये तमाम
ये बस्ती ये मस्ती ये हस्ती
ऐसा ना हो जाए बन जाए ये महफ़िल फिर तन्हाई
आप आए बहार ...