अँखियों का नूर है तू, अँखियोंसे दूर है तू - The Indic Lyrics Database

अँखियों का नूर है तू, अँखियोंसे दूर है तू

गीतकार - Nil | गायक - मुकेश - सुमन कल्याणपूर | संगीत - कल्याणजी - आनंदजी | फ़िल्म - जौहर महमूद इन गोवा | वर्ष - 1965

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अँखियों का नूर है तू, अँखियोंसे दूर है तू
फिर भी पुकारे चले जायेंगे, तू आये ना आये
फिर भी पुकारे चले जायेंगे
दिल में पयाम तेरा लब पे है नाम तेरा
हो के दीवाने तेरे प्यार में लो आये जी आये
हो के दीवाने तेरे प्यार में
ओ मेरे हमराज़ कहाँ है, मुझको दे आवाज़ कहाँ है
प्यार की आँखों से तुम देखो, इश्क़ वहीं है हुस्न जहाँ है
छुप छुप के आनेवाले, दिल को जलानेवाले
चुपके से आ जा मेरे सामने
तू आजा रे आ जा, चुपके से आ जा मेरे सामने
इसलिए आया हूँ मैं छुपके, देखके हमको दुनिया जले ना
प्यार की महफ़िल कितनी अनोखी, नूर है लेकिन दीप जले ना
यादों के दाग़ ले के, दिल के चिराग ले के
कब से खड़ा हूँ तेरे सामने
तू माने ना माने कब से खड़ा हूँ तेरे सामने