कहा है ये सफर कहती है रहगुजारी - The Indic Lyrics Database

कहा है ये सफर कहती है रहगुजारी

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - बड़ा दिन | वर्ष - 1997

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कहता है ये सफ़र कहती है रहगुज़र
ज़माने भर के ग़म लिए उम्मीद दिल में कम लिए
तुम चले हो कहां
कहता है ये सफ़र ...देखूं जहां मिलता नहीं जज़्बात का निशान
हल्का सा भी निशान
बेगाने लोग हैं अनजाने लोग हैं
तमाम शहर में कहीं मिलेगा प्यार ही नहीं
तुम चले हो ...दुनिया में तुम कब से हो गुम किस राह से हो चले
आकाश के तले चलते रहे कम न हुए मंज़िल के फ़ासले
ऐसे हैं फ़ासले
राहों की ठोकर कहती है क्या करें
खुला कोई भी दर नहीं
किसी के दिल में घर नहीं
तुम चले हो ...