शबनम क्यूउन निइर बहाये इशारा - The Indic Lyrics Database

शबनम क्यूउन निइर बहाये इशारा

गीतकार - प्रदीप | गायक - अमीरबाई, अरुण कुमार | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - किस्मत | वर्ष - 1943

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शबनम क्यूँ नीर बहाए
शबनम क्यूँ नीर बहाए
दुनिया सोये
और ये रोये जाए
शबनम क्यूँ नीर बहाए

जैसे निरधन के रोने पर
जैसे निरधन के रोने पर
हँसते है धनवान
वैसे शबनम के रोने पर
वैसे शबनम के रोने पर
कलियों की मुसकान
शबनम रोये
कलियों का मुंह धोये

अपनी जान गंवा कर पगली
जग में फूल खिलाये
अपनी जान गंवा कर पगली
जग में फूल खिलाये

शबनम क्यूँ नीर बहाए
शबनम क्यूँ नीर बहाए

मुर्ख है जो चार घडी के
मुर्ख है जो चार घडी के
जीवन पर इतराते है
हसते फूलों को देखो जो
हसते फूलों को देखो जो
खिलते ही मुरझाते है
शबनम रोये
मूरख ग़ाफ़िल सोये

रो-रो के शबनम इस झूठे
जग का भेद बताए
रो-रो के शबनम इस झूठे
जग का भेद बताए
शबनम क्यूँ नीर बहाए
शबनम क्यूँ नीर बहाए.