अम्बर की एक पाक सुराही - The Indic Lyrics Database

अम्बर की एक पाक सुराही

गीतकार - अमृता प्रीतम | गायक - आशा भोसले | संगीत - उस्ताद विलायत खां | फ़िल्म - कादंबरी | वर्ष - 1975

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अम्बर की एक पाक सुराही
बादल का एक जाम उठाकर
घूंट चांदनी पी है हमने
बात कुफ़्र की की है हमने
कैसे इसका क़र्ज़ चुकाये
मांग के अपनी मौत के हाथों
उम्र की सूली सी है हमने
बात कुफ़्र की की है हमने
अपना इस में कुछ भी नहीं है
रोज़-ए-अज़ल से उसकी अमानत
उसको वही तो दी है हमने
बात कुफ़्र की की है हमने