हमारी हि मुट्ठी में आकाश सारा - The Indic Lyrics Database

हमारी हि मुट्ठी में आकाश सारा

गीतकार - मंगेश कुलकर्णी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, सहगान, मन्ना दे | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - प्रहार | वर्ष - 1991

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hummingहमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा
कभी ना ढले जो, वो ही सितारा
दिशा जिस से पहचाने संसार साराहथेली पे रेखाएँ हैं सब अधूरी
किस ने लिखी हैं नहीं जानना हैं
सुलझाने उन को न आएगा कोई
समझना हैं उन को, ये अपना करम है
अपने करम से दिखाना है सब को
ख़ुद का पनपना, उभरना है ख़ुद को
अँधेरा मिटाए जो नन्हा शरारा
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा
हमारी ही मुठ्ठी में ...हमारे पीछे कोई आए ना आए
हमें ही तो पहले पहुँचना वहाँ है
जिन पर है चलना नई पीढीयों को
उन्हीं रास्तों को बनाना हमें है
जो भी साथ आएँ उन्हें साथ ले ले
अगर ना कोई साथ दे तो अकेले
सुलगा के ख़ुद को मिटा ले अँधेरा
दिशा जिस से पहचाने संसार साराहमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा
कभी ना ढले जो, वो ही सितारा
दिशा जिस से पहचाने संसार साराhumming