अंजाम ए मुहब्बत कुछ भी नहीं - The Indic Lyrics Database

अंजाम ए मुहब्बत कुछ भी नहीं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - सुरैया | संगीत - श्यामसुंदर | फ़िल्म - चार दीन | वर्ष - 1949

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अन्जाम-ए-मुहब्बत कुछ भी नहीं
दिल हम ने लगा कर देख लिया
वो दूर हुए दिल चूर हुआ
ये ग़म भी उठा कर देख लियाशिकवे भी किये नाले भी किये
और दिल की तमन्ना दिल में रही
तक़दीर के आगे कुछ ना चली
उलफ़त को निभा कर देख लिया
अन्जाम मुहब्बत ...हसरत भी नहीं अरमां भी नहीं
अब किस का सहारा ले के जीएं
जो कुछ था ख़ज़ाने में दिल के
सब तुझ पर लुटा कर देख लिया
अन्जाम मुहब्बत ...ओ तोड़ने वाले दिल को मेरे
जा तेरी तमन्ना कौन करे
तू ख़ुद ही न आया इस दिल में
हम ने तो बुला कर देख लिया
अन्जाम मुहब्बत ...