तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा, तेरे सामने मेरा हाल है - The Indic Lyrics Database

तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा, तेरे सामने मेरा हाल है

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - आंखरी दांव | वर्ष - 1958

View in Roman

तुझे क्या सुनाऊँ मैं दिलरुबा
तेरे सामने मेरा हाल है
तेरी एक निगाह की बात है
मेरी ज़िन्दगी का सवाल है
मेरी हर खुशी तेरे दम से है
मेरी ज़िन्दगी तेरे ग़म से है
तेरे दर्द से रहे बेख़बर
मेरे दिल की कब ये मजाल है
तेरे हुस्न पर है मेरी नज़र
मुझे सुबह शाम की क्या खबर
मेरी शाम है तेरी जुस्तजू
मेरी सुबह तेरा ख़याल है
मेरे दिल जिगर में समा भी जा
रहे क्यों नज़र का भी फ़ासला
के तेरे बगैर तो जान-ए-जां
मुझे ज़िन्दगी भी मुहाल है