डर लगे दुनिया से बलमा हो - The Indic Lyrics Database

डर लगे दुनिया से बलमा हो

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - लता मंगेशकर, तलत महमूद | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - बुज़दिल | वर्ष - 1951

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ल : ( डर लागे दुनिया से बलमा हो
उल्फ़त न बने अफ़साना ) -२
त : ग़म क्यूँ हो -२
तेरे साथ-साथ तेरा दीवाना
तू दीपक मैं हूँ परवाना
ल : डर लागे दुनिया से बलमा हो
उल्फ़त न बने अफ़सानाओ
मुझे कर दे न कोई तुझसे जुदा
डरती हूँ बहुत दुनिया से
त : हो ओ
कब होती है दिल से धड़कन जुदा
कम नगमा जुदा बीना से
ल : सुन भोले
सुन भोले सजना हो
दुनिया को नहीं समझानात : ग़म क्यूँ हो -२
तेरे साथ-साथ तेरा दीवाना
तू दीपक मैं हूँ परवाना
ल : डर लागे दुनिया से बलमा हो
उल्फ़त न बने अफ़सानात : हो
आजा सपनों में जीवन यूँ छोड़ दें
बहे जैसे नदी में पानी
ल : ओ
मेरी हिम्मत बढ़ाये रहना सजन
नदिया है बड़ी तूफ़ानी
त : तूफ़ाँ से घबरा मत जाना हो
यूँ ही उल्फ़त की नाव चलाना
ल : सुन बलमा
सुन बलमा
पड़े साथ-साथ चाहे मर जाना
हमें अब तो है प्यार निभाना
त : ग़म क्यूँ हो -२
तेरे साथ-साथ तेरा दीवाना
तू दीपक मैं हूँ परवाना
ल : डर लागे दुनिया से बलमा हो
उल्फ़त न बने अफ़साना