शाम ए गम जब बिखर गई होगी - The Indic Lyrics Database

शाम ए गम जब बिखर गई होगी

गीतकार - मोहसिन नकवीक | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - जुनून (गैर फिल्म) | वर्ष - 1993

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शाम-ए-ग़म जब बिखर गई होगी
जाने किस किस के घर गई होगीइतनी लरज़ाँ न थी चराग़ की लौ
अपने साये से डर गई होगीजिस तरफ़ वो सफ़र पे निकला था
सारी रौनक उधर गई होगीमेरी यादों की धूप चाँव में
उसकी सूरत निखर गई होगी