आके सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया - The Indic Lyrics Database

आके सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सलील चौधरी | फ़िल्म - हाफ टिकट | वर्ष - 1962

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आके सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया
ओ सँवरिया तेरी तिरछी नजरिया
ले गई मेरा दिल तेरी जुल्मी नजरिया ओ गुजरिया
जाने सारी नगरिया
मेरी गली आते हो क्यों बार बार
छेड़ छेड़ जाते हो क्यों दिल के तार
हो सैंया, हो सैंया, हो सैंया, पडूँ तोरे पैंया
मेरी गली आते हो क्यों बार बार
छेड़ छेड़ जाते हो क्यों दिल के तार
क्या मैं करूँ गोरी मुझे तुझसे है प्यार
जो न तुझे देखूँ न आए करार
ओ गोरी बढ़के बुदन तिरवी टकर
क्या मैं करूँ गोरी मुझे तुझसे है प्यार
जो न तुझे देखूँ न आए करार
हटो जाओ, न बनाओ, नटखट रंगीले साँवरिया
पीछे पीछे आते हो क्यों दिल के चोर
मान जाओ वर्ना मचा दूँगी शोर
बचाओ, ओ मुए, ओ मुर्गे, ओ कौवे
पीछे पीछे आते हो क्यों दिल के चोर
मान जाओ वर्ना मचा दूँगी शोर
पहले तो बाँधी निगाहों की डोर
अब हमसे कहती हो चल पीछा छोड़
ओ गोरी ओ नटखट ओ खटपट ओ पनघट ओ झटपट
पहले तो बाँधी निगाहों की डोर
अब हमसे कहती हो चल पीछा छोड़
तोरे नैना मीठे बैना मुझको बना गए बावरिया