छुपनेवाले सामने आ - The Indic Lyrics Database

छुपनेवाले सामने आ

गीतकार - मजरूह | गायक - रफी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - तुमसा नहीं देखा | वर्ष - 1957

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छुपनेवाले सामने आ
छुप-छुपके मेरा जी न जला
सूरज से किरण बादल से पवन
कब तलक छुपेगी ये तो बता
छुपनेवाले सामने आ ...

आख़िर तेरे नाज़ की ये
हार नहीं तो और है क्या
दौड़के आना पास मेरे
प्यार नहीं तो और है क्या
दूर खड़ी हैरान है क्या
दाँत में यूँ उँगली न दबा
छुपनेवाले सामने आ ...

ऊपर-नीचे साँस हुई
कोमल तन बल खा ही गया
सुनकर मेरी बात सनम
तुझको पसीना आ ही गया
अब दिल की धड़कन न छुपा
सर न झटक आँखें न दिखा
छुपनेवाले सामने आ ...

आ लिपटी है दिल से मेरे
ज़ुल्फ़ तेरी बल खाई हुई
देख रहा हूँ तेरी नज़र
अपनी नज़र तक आई हुई
गालों पर ज़ुल्फ़ें न गिरा
तू है क़यामत मैं हूँ बला
छुपनेवाले सामने आ ...$