दो पंछी दो तिनके कहो ले के चले हैं कहाँ - The Indic Lyrics Database

दो पंछी दो तिनके कहो ले के चले हैं कहाँ

गीतकार - एम. जी. हशमत | गायक - आरती मुखर्जी - किशोर कुमार | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - तपस्या | वर्ष - 1975

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दो पंछी, दो तिनकें, कहो ले के चले हैं कहाँ
ये बनायेंगे एक आशियाँ
ये तो अपनी ही धून में गाये, ऊँचे ऊँचे उडते जाये
इन की मस्ती को और बढाये सावन की ये हवायें
मंज़िल के मतवाले, देखो छू ने चले आसमान
ये बनायेंगे एक आशियाँ
एक फूलों भरी हो डाली और उसपर हो बसेरा
कुछ ऐसा ही मीठा मीठा है सपना तेरा मेरा
ये सपना सच होगा, कह रही धडकनों की जुबाँ
हम बनायेंगे एक आशियाँ