तू प्यार का सागर है, तेरी एक बूंद के प्यासे हम - The Indic Lyrics Database

तू प्यार का सागर है, तेरी एक बूंद के प्यासे हम

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मन्ना डे | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - सीमा | वर्ष - 1955

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तू प्यार का सागर है, तेरी एक बूँद के प्यासे हम
लौटा जो दिया तूने, चले जायेंगे जहां से हम
घायल मन का पागल पंछी उड़ने को बेकरार
पंख हैं कोमल, आँख है धुंदली, जाना है सागर पार
अब तू ही इसे समझा, राह भूले थे कहाँ से हम
इधर झूम के गाए जिन्दगी, उधर है मौत खड़ी
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा, उलझन आन पड़ी
कानों में ज़रा कह दे के आएं कौन दिशा से हम