यही फ़िक़्र है शाम पिछले सवेरे - The Indic Lyrics Database

यही फ़िक़्र है शाम पिछले सवेरे

गीतकार - शम्स लखनवी | गायक - सुरेंद्र नाथी | संगीत - मीर साहेब | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1944

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यही फ़िक़्र है शाम पिछले सवेरे

यही फ़िक़्र है शाम पिछले सवेरे

हसीनों की गलियों के हों हेरेफेरे

यही फ़िक़्र है शाम पिछले सवेरे

मेरे जज़्बएदिल की कशिश देख लेना

के ख़ुद ही चले आयेंगे पास मेरे

यही फ़िक़्र है शाम पिछले सवेरे

ज़मीं पर उतर आया चाँद आसमाँ से

ग़रीबों के घर आज होंगे बसेरे

यही फ़िक़्र है शाम पिछले सवेरे

कोई बात पूछे न पूछे हमें क्या

दरएयार पर अब लगाये हैं डेरे

यही फ़िक़्र है शाम पिछले सवेरे

हसीनों की गलियों के हों हेरेफेरे