आजा सनम, मधुर चाँदनी में हम तुम मिले तो वीराने में भी आ जाएगी बहार - The Indic Lyrics Database

आजा सनम, मधुर चाँदनी में हम तुम मिले तो वीराने में भी आ जाएगी बहार

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता - मन्ना डे | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - चोरी चोरी | वर्ष - 1956

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आजा सनम
मधुर चाँदनी में हम तुम मिले तो वीराने में भी आ जाएगी बहार
झुमने लगेगा आसमान, झुमने लगेगा आसमान
कहता है दिल और मचलता है दिल
मोरे साजन ले चल मुझे तारों के पार
लगता नहीं है दिल यहाँ, लगता नहीं है दिल यहाँ
भीगी भीगी रात में, दिल का दामन थाम ले
खोई खोई ज़िन्दगी, हर दम तेरा नाम ले
चाँद की बहकी नज़र, कह रही है प्यार कर
ज़िन्दगी है एक सफ़र, कौन जाने कल किधर
दिल ये चाहे आज तो, बादल बन उड़ जाऊँ मैं
दुल्हन जैसा आसमां, धरती पर ले आऊँ मैं
चाँद का डोला सजे, धूम तारों में मचे
झूम के दुनिया कहें, प्यार में दो दिल मिले