तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जाएगा - The Indic Lyrics Database

तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जाएगा

गीतकार - इफ्तिखार इमाम सिद्दीकी | गायक - चित्रा सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - अर्थ | वर्ष - 1983

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तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जाएगा
दूर तक तनहईयों का सिलसिला रह जाएगा
दर्द की सारी तहें और सारे गुज़रे हादसे
सब धुआँ हो जायेंगे, एक वाकिया रह जाएगा
यूँ भी होगा वो मुझे दिल से भूला देगा मगर
ये भी होगा खुद उसी में एक ख़ला रह जाएगा
दायरे इन्कार के इकरार की सरगोशियाँ
ये अगर टूटे कभी तो फ़ासला रह जाएगा