आना है तो चले आओ सुहानी शाम है - The Indic Lyrics Database

आना है तो चले आओ सुहानी शाम है

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - टैक्सी स्टैंड | वर्ष - 1958

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आ : आना है तो चले आओ सुहानी शाम है
ऐसे में आपसे दिल को ज़रूरी काम है
र : हमको भी तो क़सम ले लो कहाँ आराम है
पहलू में दर्द है लब पे तुम्हारा नाम हैआ : इतना ही तुमसे हमको था कहना
दिल में समाना दिल ही में रहना -२
इस दिल को तुमसे यही काम है
आना है तो चले आओ ...र : है डाली-डाली उल्फ़त की माला
रंगों में डूबा फूलों का प्याला -२
जैसे मुहब्बत का इक जाम है
हमसे भी तो क़सम ले लो ...आ : हल्का सा अब तो करके इशारा
डूबते हुए को देना सहारा
तेरी ही नज़रों का ये काम है
आना है तो चले आओ ...