जवानियाँ ये मस्त मस्त बिन पिए - The Indic Lyrics Database

जवानियाँ ये मस्त मस्त बिन पिए

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - तुमसा नहीं देखा | वर्ष - 1957

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जवानियाँ ये मस्त मस्त बिन पिये
जलाती चल रही हैं राह में दिये
न जाने इन में किस के वास्ते हूँ मैं
न जाने इन में कौन है मेरे लिए
मेरे लिए, मेरे लिए
सभी हसीं, सभी जवां, कहा पे दिल को हारिये
सभी हैं दिल की मेहमां, किसे किसे पुकारिये
दीवाने हम थे चाह के तो बेकरार हो लिए
के दूर की निगाह के गुनाहगार हो लिए