चले गये चले गये - The Indic Lyrics Database

चले गये चले गये

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - ज़ोहरा बाई | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - पहले आप/ प्रेस्टीज | वर्ष - 1944

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छाया मेरी उम्मीद की दुनिया में अंधेरा

छाया मेरी उम्मीद की दुनिया में अंधेरा

अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेरा

खो जाये ना मिल कर कहीं उल्फ़त का ख़ज़ाना

कहीं उल्फ़त का ख़ज़ाना

खो जाये ना मिल कर कहीं उल्फ़त का ख़ज़ाना

रह जाये न लुट कर कहीं अरमानों का डेरा

अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेरा

खिलने भी न पाईं अभी कलियाँ मेरे दिल की

अभी कलियाँ मेरे दिल की

खिलने भी न पाईं अभी कलियाँ मेरे दिल की

दिल तोड़ के ग़म ने किया पहलू में बसेरा

अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेरा

सुनता नहीं कोई किसे मैं जा के सुनाऊँ

किसे मैं जा के सुनाऊँ

सुनता नहीं कोई किसे मैं जा के सुनाऊँ

दुखदर्द में डूबा हुआ अफ़साना है मेरा

अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेरा

छाया मेरी उम्मीद की दुनिया में अंधेरा

अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेरा