ये लो मैं हारी पिया हुई तेरी जीत रे - The Indic Lyrics Database

ये लो मैं हारी पिया हुई तेरी जीत रे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - गीता दत्त | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - आर पार | वर्ष - 1954

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ये लो मैं, ये लो मैंये लो मैं हारी पिया, हुई तेरी जीत रे
काहे का झगड़ा बालम, नई नई प्रीत रे
ये लो मैं...नये नये दो नैन मिले हैं-(२)
नई मुलाकात है
मिलते ही तुम रूठ गये जी
ये भी कोई बात है-(२)
जाओ जी माफ़ किया
तू ही मेरा मीत रे
काहे का झगड़ा ...हुई तिहारी संग चलोजी- (२)
बैयाँ मेरी थामके
बाँध बलम किस्मत की डोरी
संग तेरे नामके-(२)
लड़ते ही लड़ते मौसम
जाये नहीं बीत रे
काहे का झगड़ा ...चले किधर को बोलो बाबू-(२)
सपनों को लूट के
हाय राम जी रह नहीं पाये
दिल मेरा टूटके-(२)
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काहे का झगड़ा ...ये लो मैं हारी पिया ...