आजा रे मेरे प्यार के राही, राह निहारूँ बड़ी देर से - The Indic Lyrics Database

आजा रे मेरे प्यार के राही, राह निहारूँ बड़ी देर से

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता - महेंद्र कपूर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - ऊँचे लोग | वर्ष - 1965

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आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारूँ बड़ी देर से
जो चाँद बुलाए, मैं तो नहीं बोलूँ
जो सूरज आए, आँख नहीं खोलूँ
मूँद के नैना मैं तिहारी राह निहारूँ बड़ी देर से
कहाँ है बसा दे तन की खुश्बू से
घटा से मैं खेलूँ जुल्फ तेरी छू के
रूप का तेरे मैं पूजारी, राह निहारूँ बड़ी देर से
कही भी रहूँगी मैं हूँ तेरी छाया
तुझे मैने पा के फिर भी नहीं पाया
देख मैं तेरी प्रीत की मारी, राह निहारूँ बड़ी देर से