मुस्कराते हुये यूँ आँख चुराया न करो - The Indic Lyrics Database

मुस्कराते हुये यूँ आँख चुराया न करो

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - सहगल | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - भंवरा/हरजाई | वर्ष - 1944

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ना ना ना

तुम हमपे हँसो ना पिया हमपे हँसो ना

ना ना ना

तुम हमपे हँसो ना पिया हमपे हँसो ना

मु : हाँ हाँ हाँ

तुम हमसे लड़ो ना हमसे लड़ो ना अजी हमसे लड़ो ना

ल : तुम हमपे हँसो ना

ल : बस इतना कहो चूड़ियाँ हम लाएँ कि टोपी

ल : शरमा के चले जाएँगे बात ऐसी कहो ना

तुम हमपे हँसो ना

मु : तुम हमसे लड़ो ना

ल : तुम हमपे हँसो ना

मु : तुम हमको भुला दोगी जब आएगा मेहमान

ल : अपनों से जलो ना पिया अपनों से जलो ना

मु : तुम हमसे लड़ो ना

ल : तुम हमपे हँसो ना

मु : गर तुमने उसे प्यार किया हम तो जलेंगे हाँ हम तो जलेंगे

ल : वो मेरा है तुम मेरे हो आपस में लड़ो ना

मु : तुम हमसे लड़ो ना

ल : तुम हमपे हँसो ना