ओय ओ दुश्मन बड़ी खुबसुरत सुहानी घड़ी है - The Indic Lyrics Database

ओय ओ दुश्मन बड़ी खुबसुरत सुहानी घड़ी है

गीतकार - समीर | गायक - सोनू निगम, सौम्या रावह | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - एक और एक ग्यारह: | वर्ष - 2003

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सौ : ओय ओय ओय ओय -२
ओ दुश्मना -४
( बड़ी ख़ूबसूरत सुहानी घड़ी है
ओ दुश्मना -२ ) -२
मोहब्बत के आगे जवानी खड़ी है
भर ले मुझे आग़ोश में
ऐसे में कुछ सोच ना
ओ दुश्मना -२
बड़ी ख़ूबसूरत सुहानी घड़ी है
ओ दुश्मना -२
मोहब्बत के आगे जवानी खड़ी है
भर ले मुझे आग़ोश में
ऐसे में कुछ सोच नासो : ओय अबला नारी ओय चँचल बाला
मैं हूँ बालक भोला-भाला
और पुजारी दा पुत्तर हूँ मैं पण्डित जी का साला
और आप हैं हस्ती आला और मैं दुश्मना
ओय ना ना ना ओय
को : दुश्मना -४सौ : ( जागूँ और जगाऊँ आज तुझको रात भर
कम हो बेक़रारी कोई ऐसी बात कर ) -२
तन्हाई में धड़के जिया
कोई नहीं घर में पिया
आ नर्म बाँहों में आओ दुश्मना -२
बड़ी ख़ूबसूरत सुहानी घड़ी है
ओ दुश्मना -२
मोहब्बत के आगे जवानी खड़ी है
भर ले मुझे आग़ोश में
ऐसे में कुछ सोच नाओय ओय ओय ओय
सो : सुन ओय नारी
सौ : होय ओय ओय ओय
सो : सुन ओय देवी
सौ : ओय ओय ओय ओय
सो : अच्छा तो ले एक ओय ओय मेरी तरफ़ से भी
भारत की नारी हैं आप सभ्य सुशील और सुन्दर
और नई होना है मुझको अन्दर
ऐ मेरे संयम का बाँध टूट रहा है
छूट रहा कुछ छूट रहा है
stop you stop you stop stop stop stop
मैं दुश्मनापर्दे सब गिरे हैं बन्द सारी खिड़कियाँ
थोड़ी देर कर लें ऐसे में तो मस्तियाँ
हे पर्दे सब गिरे हैं बन्द सारी खिड़कियाँ
थोड़ी देर कर लें ऐसे में तो मस्तियाँ
बेताबियाँ हैं जोश में
कैसे रहूँ मैं होश में
अब रोक ना मेरी जाँदो : ओ दुश्मना -२
बड़ी ख़ूबसूरत सुहानी घड़ी है
ओ दुश्मना -२
मोहब्बत के आगे जवानी खड़ी है
भर ले मुझे आग़ोश में
ऐसे में कुछ सोच ना
सो : ऐसे में कुछ सोच ना -३