अजहूँ न आए बालमा सावन बिता जाए - The Indic Lyrics Database

अजहूँ न आए बालमा सावन बिता जाए

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - सुमन कल्याणपूर - रफी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - साँझ और सवेरा | वर्ष - 1964

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अजहूँ न आए बालमा सावन बिता जाए, हाए रे
नींद भी अंखियन द्वार ना आए
तोसे मिलन की आस भी जाए
आई बहार खिले फुलवा, मोरे सपनें कौन सजाए
चांद को बदरा गरवा लगाए
और भी मोरा मन ललचाए
यार हसीन गले लग जा, मोरी उम्र गुजरती जाए