इश्क है क्या कुछ नहीं नज़रें चुराना ना - The Indic Lyrics Database

इश्क है क्या कुछ नहीं नज़रें चुराना ना

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, सोनू निगम | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - हम हो गए आप के | वर्ष - 2001

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इश्क़ है क्या कुछ नहीं है मुहब्बत
कल कुछ नहीं बस यही है हकीकत
नज़रें चुराना ना यूं दिल जलाना ना
आ मेरे नज़दीक आ
Love me just for the dayमैं तो हसीनों का हूं दीवाना
दिलकश अदाएं मेरा निशाना
देखूं जहाँ मैं बहकी जवानी
छाने लगे इक नशा
कैसे बताऊं तुझे मेरी हालत
कल कुछ नहीं बस ...तेरी नशीली आँखों से पी लूँ
मैं दो घड़ी तो मस्ती में जी लूँ
कहती है तेरे होंठों की लाली
आ प्यास मेरी बुझा
अच्छी लगे मुझे तेरी शरारत
कल कुछ नहीं बस ...