छुपा ले आंखों मन बनाना के काजली - The Indic Lyrics Database

छुपा ले आंखों मन बनाना के काजली

गीतकार - अनवर सागर | गायक - कुमार शानू, साधना सरगम | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - जुआरी | वर्ष - 1994

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कु : छुपा ले आँखों में बना के काजल -२
लगा ले सीने से बना के आँचल
आज का ये समाँ कल रहे न रहे
सा : बना लूँगी तुझको मैं दिल की धड़कन
लुटा दूँगी तुझपे मैं सारा जीवन
भुला दूँगी तुझे मैं ज़माने के ग़म
कु : छुपा ले आँखों में ...साँसों में आग लगी है सनम
प्यार की पिला दे मुझे शबनम
सा : तूने कैसा जादू ये मुझपे किया
छाने लगा मुझपे तेरा नशा
कि : बस में नहीं है दिल ये दीवाना
तेरे सर की कसम
सा : तेरे सर की कसम
कु : छुपा ले आँखों में ...प्यार की पहली बहार दे दे
बेक़रार दिल को क़रार दे दे
सा : आँखों में तेरी शरारत है
बातों में तेरी मोहब्बत है
कु : आशिक़ हूँ तेरा पागल दीवाना
ओ मेरी जान-ए-जां
सा : ओ मेरी जान-ए-जां
कु : छुपा ले आँखों में ...आज मैं हद से गुज़र जाऊँगा
तेरी अदाओं पे मर जाऊँगा
सा : गोरी गोरी बाहों में आ जा सजन
आज हो जाएगा अपना मिलन
ज़ुल्फ़ों के साए बदन के उजाले
तेरे लिए हैं सनम
कु ; तेरे लिए हैं सनम
कु : छुपा ले आँखों में ...