बार बार तुम सोच रही हो - The Indic Lyrics Database

बार बार तुम सोच रही हो

गीतकार - प्रदीप | गायक - शंकर दासगुप्ता, लता | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - गर्ल्स स्कूल | वर्ष - 1949

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चमको-चमको बिजलिया

अ : चमको-चमको बिजलिया
हाँ बिजलिया
ओ बिजलिया चमक-चमक-चमक बिजलिया चमको
बिजलिया चमको

मेरे मन का अन्धेरा हो दूर
हो दूर
मेरे मन का अन्धेरा हो दूर
दमिनिया दमको
बिजलिया चमको
चगली घन
छम-छम-छम-छम-छम छमको
चमको चमको

न : हो
हो रे बादल
कैसे चमके बिजलिया साजन बिना कैसे चमके -2
अपने मन में
हाँ-हाँ रे बालम
मन में छिपा लो हम को
ओ भोले बालम
मन में छुपा लो हम को
हम को

अ : चगली घन
छम-छम-छम-छम-छम छमको
चमको

चमको-चमको बिजलिया चमको
चमको-चमको बिजलिया
ओ बिजलिया ज़रा चमको चमको
न : चमको-चमको
अ : चमको-चमको
न : चमको-चमको

अ : सबकी रातों से सुन्दर आज अपनी रात हो
न : सबकी बातों से निराली आज अपनी बात हो
अ : आज कुछ नये ढंग की अपनी मुलाक़ात हो
हाँ अपनी मुलाक़ात हो
न : आज अपने प्यार की
आज अपने प्यार की बालम पहली बरसात हो
हो हो हो
अ : बिजली तोरी आँखों में आग़ भरी है
बादल की आँखों में पानी
न : फिर क्यूँ दोनों के नैना मिले हैं
अ : तुम क्या जानों
प्रेम की दुनिया है दीवानी
न : हो
दो : चलो सजनवा -4
अ : ( हम-तुम ऊँचे आकाह पे झूला बाँधें
तुम झूलो ) -2
न : झूम-झूम कर मैं झूलूं मैं झूलूं
हाँ झूलूं
अ : झूम-झूम कर
झूम-झूम कर मैं झुलाउँ तुमको

चगली घन
छम-छम-छम-छम छमको
चमको
चमको बिजलिया
ओ बिजलिया ज़रा चमको-चमको
बिजलिया चमको-चमको
चमको-चमको बिजलिया
ओ बिजलिया ज़रा चमको-चमको
बिजलिया चमको-चमको