चाहे तू मिटा दे - The Indic Lyrics Database

चाहे तू मिटा दे

गीतकार - स्वामी रामानंदी | गायक - NA | संगीत - लाल मोहम्मद | फ़िल्म - तदबीर | वर्ष - 1945

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चली पी को मिलन बन ठन के दुल्हन

चली पी को मिलन बन ठन के दुल्हन

झन झननन पायल गावत है

अब काहे को देर करो री सखी

मोरा मैके में जिया घबरावत है

मैं तो बाबुल से मुख मोड़ चली

वीरन संग नाता तोड़ चली

उस छोर कभी जा के री सखी

कोई लौट के फिर नहीं आवत है

कब दीप जले बिन बाती के

कब राह कटे बिन साथी के

जि सागर से बिछड़े नदिया

उस सागर में मिल जावत है