हज़ारों साल से इंसान का दिल वो मसिहा आया है - The Indic Lyrics Database

हज़ारों साल से इंसान का दिल वो मसिहा आया है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - क्रोधी | वर्ष - 1981

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हज़ारों साल से इन्साँ का दिल आँसू बहाता है
हज़ारों साल से कोई मसीहा बन के आता है
वो मसीहा आया है
बहुत दिनों ग़म ने हमें तड़पाया हैकाँटों में पर्वत को देख रहा है फूल बहारों का
वो एक अकेला है जिसके दिल में दर्द हज़ारों का
वो एक अकेला मसीहा आया है
दवा सभी बीमारों की लाया है
वो मसीहा आया ...लो वो आगे चल निकला है तुम उसके पीछे हो जाओ
या पहुँचो अपनी मंज़िल पे या इन राहों में खो जाओ
क़सम उठा के उसने क़दम उठाया है
वो मसीहा आया ...( डर ख़ौफ़ भरम ) -२ सब हार गए इंसान की फ़ितरत जीत गई
जागो देखो खोलो आँखें वो रात दुखों की बीत गई
उठो किसी ने नींद से तुम्हें जगाया है
वो मसीहा आया ...