पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम - The Indic Lyrics Database

पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम

गीतकार - सुदर्शन फाकीरी | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - ब्लॅक मैजिक | वर्ष - 1987

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पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इन्सां पाए हैं
तुम शहर-ए-मोहब्बत कहते हो हम जान बचाकर आए हैं
बुतखाना समझते हो जिसको पूछो न वहाँ क्या हालात है
हम लोग वहीं से लौटे हैं बस शुक्र करो लौट आये हैं
हम सोच रहे हैं मुद्दत से अब उम्र गुज़ारें भी तो कहाँ
सहरा में ख़ुशी के फूल नहीं शहरों में गमों के साये हैं
होठों पे तबस्सुम हल्कासा आँखों में नमीं सी है फ़ाकिर
हम अहल-ए-मोहब्बत पर अक्सर ऐसे भी ज़माने आए हैं