कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों हैं - The Indic Lyrics Database

कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों हैं

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - कुलदीप सिंह | फ़िल्म - अर्थ | वर्ष - 1982

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कोई ये कैसे बता ये के वो तन्हा क्यों है ?
वो जो अपना था वोही और किसी का क्यों है ?
यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों है ?
यही होता हैं तो आखिर यही होता क्यों है ?एक ज़रा हाथ बढ़ा, दे तो पकड़ले दामन
उसके सीने में समा जाये हमारी धड़कन
इतनी कुर्बत हैं तो फिर फ़ासला इतना क्यों है ?दिल-ए-बरबाद से निकला नहीं अब तक कोई
एक लुटे घर पे दिया करता हैं दस्तक कोई
आस जो टूट गयी फिर से बंधाता क्यों है ?तुम मसर्रत का कहो या इसे ग़म का रिश्ता
कहते हैं प्यार का रिश्ता हैं जनम का रिश्ता
हैं जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है ?कुरबत = nearness (opposite of dooree)
मसर्रत = happiness