मुझे मुबारक पुरानी यादें महलों ने छिं लिया - The Indic Lyrics Database

मुझे मुबारक पुरानी यादें महलों ने छिं लिया

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - ज़बाक | वर्ष - 1961

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मु : मुझे मुबारक़ पुरानी यादें तुझे मुबारक़ नया फ़साना
जो हो सके तो न याद करना जो याद आऊँ तो भूल जानामहलों ने छीन लिया बचपन का प्यार मेरा -२
ल : मुझको इल्ज़ाम न दो कर लो ऐतबार मेरा -२मु : तुम हो फ़लक़ पर मैं हूँ ज़मीं पे तुमको ख़बर क्या हमारी -२
ल : मानो न मानो महलों में रह के मैं आज भी हूँ तुम्हारी
मुझको इल्ज़ाम न दो ...ले चल हमें भी साथ अपने कहती हैं दिल की सदाएं
मु : मुझसे जुदा है मंज़िल तुम्हारी तुमसे जुदा हैं मेरी राहें
महलों ने छीन लिया ...उलझूँगा ना मैं दामन से तेरे राहों में एक खार बनके -२
ल : जैसे रहे हो वैसे रहोगे दिल में मेरे प्यार बनके
मुझको इल्ज़ाम न दो ...