किन घडिय़ों में प्रीत लगाई - The Indic Lyrics Database

किन घडिय़ों में प्रीत लगाई

गीतकार - भरत व्यास | गायक - आशा भोंसले | संगीत - सरदार मलिक | फ़िल्म - सारंगा | वर्ष - 1960

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किन घड़ियों मेइन प्रीत लगाई, सेहनी पदी जुदाई
बचपन का वो प्यार भुला दो, मैन तो हुई पराईचली रे चली रे मैन तो, देस पराअये
चली रे चली रे मैन तो, देस पराअये
भीगी भीगी पलकों मेइन प्यार छुपाये
चली रे चली रे मैन तो.जलाये थे जो दीप, अब वो बुझा दो
जलाये थे जो दीप, अब वो बुझा दो
मेरे प्यार का हर निशां तक मिता दो
सपना ही समझो, सपना ही समझो
जो सपने सजाये
चली रे चली रे मैन तो, देस पराअये
भीगी भीगी पलकों मेइन प्यार छुपाये
चली रे चली रे मैन तो.हुई आज झूथी वो आपस की कसमेइन
हुई आज झूथी वो आपस की कसमेइन
करेइन हाय क्या हम, जो किसमत न बस मेइन
लिखा भाग मेइन जो, लिखा भाग मेइन जो
मिते ना मिताये
चली रे चली रे मैन तो, देस पराअये
भीगी भीगी पलकों मेइन प्यार छुपाये
चली रे चली रे मैन तो.