बिगड़ बिगड़ के बनी थी क़िस्मत उजादि रे - The Indic Lyrics Database

बिगड़ बिगड़ के बनी थी क़िस्मत उजादि रे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - आराम: | वर्ष - 1951

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बिगड़ बिगड़ के बनी थी क़िस्मत
बन बन के फिर बिगड़ी -२उजड़ी रे
उजड़ी रे मेरे प्यार की दुनिया उजड़ी -२
उजड़ी रेमेरे मन की आशाओं ने इक तसवीर बनाई -२
तसवीर मिटा दी दुनिया ने तक़दीर बनी और बिगड़ी
उजड़ी रे ...दिल को लगन है जिसकी नहीं क़िस्मत में मुहब्बत उसकी -२
बुल-बुल से है फूल जुदा और फूल से बुल-बुल बिछड़ी
उजड़ी रे ...