टेलीफोन धुन में हंसने वाली - The Indic Lyrics Database

टेलीफोन धुन में हंसने वाली

गीतकार - पी के मिश्रा | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, हरिहरन | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - हिंदुस्तानी | वर्ष - 1996

View in Roman

ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ -४Telephoneधुन में हँसने वालीmelbourneमछली मचलने वालीdigitalमें सुर है तराशाMadonnaहै या Natashaज़ाकिर हुसैन तबला तू है क्यासोना सोना तेरा चमके रूप सलोनासोना सोना cellular phoneतुम तो हो नाcomputerको ले कर ब्रम्हा ने रचाया क्याTelephoneधुन में हँसने वाली
melbourneमछली मचलने वालीतुम ना होते तो धूप नहीं होती रिमझिम भी ना होतीतुम ना होते तो चाँद नहीं होता सपना भी नहीं सजतातुम को पुकारा साँसें ख़ुश्बू फैला रहीं मेरीतुमसे बिछड़ा तो बहती हवायें बंद हो गईं क्यूँपानी ना होता झरने ना होते ये वादी ना होतीमिलता ना तू तो मेरी जान नहीं होती ये प्यास नहीं होतीगोरि नदिया अपने में हर दिन मुझको डुबानातुम ना शर्माना ज़ुल्फ़ों में अपनी ख़ुद को छुपा लेनाTelephoneधुन में हँसने वाली
melbourneमछली मचलने वालीओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ -४नाम तेरा किसी को लेने नहीं दूँगा वो सुख भी नहीं दूँगागजरा तुम्हारा गिरने नहीं दूँगा मुरझाने नहीं दूँगामेरे अलावा किसी औरत को ना पास बुलानातुम ना कभी भी mother teresaको छोड़ के नाम ना लेनातेरी गलियों में कोई मर्द न छोड़ूँगा औरत भी ना छोड़ूँगातेरी हँसी को उड़ने नहीं दूँगा मेरे दिल में बसा लूँगाshowroomमें साजन औरत की मुरत छूनें ना दूँगीजीवन में प्रीतम तुम्हें प्यार की रेखा पार करने ना दूँगीTelephoneधुन में हँसने वाली
melbourneमछली मचलने वाली
digitalमें सुर है तराशा
Madonnaहै या Natasha
ज़ाकिर हुसैन तबला तू है क्या
सोना सोना तेरा चमके रूप सलोना
सोना सोना cellular phoneतुम तो हो ना
computerको ले कर ब्रम्हा ने रचाया क्या