मैं अकेला रात का मेला ये लडाकी जरा सी दिवानी लगती है - The Indic Lyrics Database

मैं अकेला रात का मेला ये लडाकी जरा सी दिवानी लगती है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर, अमित कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - प्रेमकथा | वर्ष - 1981

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मैं अकेला रात का मेला, तू कहाँ से आई
ऐसे में तू भ्हुल के रस्ता मुझ से आ टकराईये लड़की ज़रा सी दीवानी लगती है
मुझे तो ये गुड़िया जपानी लगती हैचाभी से ये चले, चाभी से ये रुके
चाभी से ये हँसे रूठ जाये
ऐसी नाज़ुक है ये, गलती से इसे
कोई छुले तो ये टूट जाये
काँच की है गुड़िया
आफ़त की है पुड़िया
किसी शैतान की नानी लगती है
ये लड़की ज़रा सी ...हम अकेला रात का मेला, तू कहाँ से आया
ऐसे में तू भूल के रस्ता, हम से आ टकरायाआते जाते हुए रस्ते पे खड़े
बड़े देखे ऐसे दीवाने
- ऐसा क्या!
जहाँ पे भी कोई अच्छी सूरत अखी
वहीं रुके किसी बहाने
ऐसे हीरो बन के गा रहा है कोई
किसी नये फ़िल्म का गाना लगता है
ये लड़का ज़रा सा दीवाना लगता है
गाड़ी का कोई मॅडल पुराना लगता है
ये लड़का ज़रा सा ...