गीतकार - साहिर | गायक - गीता, रफी | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - जीवन ज्योति | वर्ष - 1953
View in Romanओ लग गईं अँखियाँ तुम से मोरी
ओ मेरे बालम ओ मेरे सनम
लग गईं अखियाँ
शर्म खो गई लाज खो गई
हाय हाय रे राम हाय राम हाय हाय हाय राम
मैं तो दुनिया से ही आज खो गई
अहा हा हा ये कहानी नई सुन लो
सारी दुनिया से ही मैं तो खो गई
ओ लग गईं अँखियाँ
आज मेरी नज़र को चमक मिल गई
दिल को इक मीठी मीठी कसक मिल गई
ओ मेरे बालम
ओ लग गईं अँखियाँ
मन के तारों में लहराई मस्ती की धुन
अनगिनत पायलें बज उठीं छुन छुनन छुन छुनन
ओ मोरे बालम ओ मेरे साजन
ओ सनम तुझसे लग गईं अँखियाँ
ओ लग गईं अँखियाँ