हो ज़रा रुक जा प्यारे रुक जा - The Indic Lyrics Database

हो ज़रा रुक जा प्यारे रुक जा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - सितारों से आगे | वर्ष - 1958

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हो ज़रा रुक जा प्यारे रुक जा
आस लगाए बैठे हैं राहों में कब से हम
ज़रा रुक जा ...बुरा होता है राहों में मचलना
अजी अच्छा है रुक-रुक चलना
सुन प्यारे इतराए काहे यारों से कतराए काहे
आस लगाए बैठे ...आजा कब से पुकारे तुझे बन्दा
तेरे दम से चले है मेरा धन्धा
आजा तेरी serviceकरें फिर क़िस्मत की थैली भरें
आस लगाए बैठे ...इन हाथों का जादू जो दिखा दूँ
तुझे घर तक अभी मैं पहुँचा दूँ
बिगड़ी हो तो बना दे आ जा
रुकती हो तो चला दे आजा
आस लगाए बैठे ...