चंदा की नगरी से आजा री निन्दिया - The Indic Lyrics Database

चंदा की नगरी से आजा री निन्दिया

गीतकार - नाज़िम पानीपति, मुशीर काज़मी | गायक - नूरजहां | संगीत - जी ए चिश्ती | फ़िल्म - लखत-ए-जिगर (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1956

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चंदा की नग्री से आजा
चंदा की नग्री से आजा री निंदिया तारों की नग्री से आजा
-२परियों की दुनिया के नग़्मे सुनाकर -२
नंहे को मेरे सुलाजा आजा तारों की नग्री से आजा
आ चंदा की नग्री से आजासोया है चंदा सोए हैं तारे ख़्वाबों में खोए हैं सारे
नग़्मे सुनाऊँ मैं प्यारे प्यारे सोजा तू दिल के साहारे
आ प्यारी निंदिया गीतों से अप्ने -२
नंहे की दुनिया बसाजा आजा तारों की नग्री से आजा
आ चंदा की नग्री से आजारातें हों तेरी सुहानी रे नंहे उज्ले हों तेरे सवेरे
चम्के ज़माने में तू चाँद बन्कर दूर हों सारे अंधेरे
आ प्यारी निंदिया नंहे को आकर -२
अप्ने गले से लगाजा आजा तारों की दुनिया से आजा
चंदा की नग्री से आजा री निंदिया तारों की दुनिया से
आजा
आ चंदा की नग्री से आजा