देश मेरे दिल से निकलेगी ना कसम तुमको वतन वालो - The Indic Lyrics Database

देश मेरे दिल से निकलेगी ना कसम तुमको वतन वालो

गीतकार - समीर | गायक - ए आर रहमान, सुखविंदर सिंह | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - द लीजेंड ऑफ भगत सिंह | वर्ष - 2002

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दिल से निकलेगी ना मर कर भी वतन की उल्फ़तमेरी मिट्टी से भी ख़ुश्बू-ए-वतन आयेगीदेस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू -२देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू -२सुनाई थी जो बचपन में वो ही लोरी सुना दे माँतू अपनी गोद में अब चैन से मुझ को सुला दे माँतेरे चरणों में सब कुछ हम लुटाने से नहीं डरतेदेस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू -२
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू -२मिटाने से नहीं मिटते डराने से नहीं डरतेवतन के नाम पे हम सर कटाने से नहीं डरतेहज़ारों ख़्वाब रोशन हैं सुलगती सी निगाहों मेंक़फ़न हम बाँध के निकले हैं आज़ादी की राहों मेंनिशाने पे जो रहते हैं निशाने से नहीं डरतेहमारी एक मन्ज़िल है हमारा एक नारा हैधरम से जात से ज्यादा हमें ये मुल्क़ प्यारा हैहम इस पे ज़िन्दगी अपनी लुटाने से नहीं डरतेक़सम तुम को वतन वालों कभी मायूस मत होनामनाना जश्न-ए-आज़ादी न मेरे वास्ते रोनानिगाहें मौत से भी हम मिलाने से नहीं डरते