कहां जा रह है तू ऐ जाने वाले - The Indic Lyrics Database

कहां जा रह है तू ऐ जाने वाले

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - सीमा | वर्ष - 1955

View in Roman

कहाँ जा रहा है तू ऐ जाने वाले -२
अँधेरा है मन का दिया तो जला ले
कहाँ जा रहा है ...ये जीवन सफ़र एक अंधा सफ़र है -२
बहकना है मुमकिन भटकने का डर है -२
स.म्भलता नहीं दिल किसी के स.म्भाले
कहाँ जा रहा है ...जो ठोकर न खाए नहीं जीत उसकी
जो गिर के स.म्भल जाए है जीत उसकी
निशाँ मंज़िलों के ये पैरों के छाले
कहाँ जा रहा है ...कभी ये भी सोचा कि मंज़िल कहाँ है -२
बड़े से जहाँ में ( तेरा घर कहां है ) -२
जो बाँधे थे बंधन वो क्यों तोड़ डाले
कहाँ जा रहा है ...