ओ रूठे हुये भगवान - The Indic Lyrics Database

ओ रूठे हुये भगवान

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - अमीरबाई | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - सिंदूर | वर्ष - 1947

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पंछी और परदेसी

पंछी और परदेसी

पंछी और परदेसी दोनों नहीं किसी के मीत

पंछी और परदेसी

जैसे नैन से निकला आँसू फिर ना नैन समाए

वैसे ही परदेसी साजन जा कर लौट ना आए

बिरहा की रो रो के जाए सारी उमरिया बीत

पंछी और परदेसी

मन से आँसू आँख चुराएँ, आग लगाएँ और ना बुझाएँ

प्रेमी के नैनों में बस कर फिर ना नैन मिलाएँ

अपना बैरी आप बने वो करे जो इन से प्रीत

पंछी और परदेसी