जाता है तू कहाँ - The Indic Lyrics Database

जाता है तू कहाँ

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अभिजीत | संगीत - जतिन - ललित | फ़िल्म - यस बॉस | वर्ष - 1997

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जाता है तू कहाँ
रे बाबा जाता है तू कहाँ
सुन प्यारे, सुन प्यारे
रुक जा रे, रुक जा रे
दुनिया के बड़े टेढ़े मेढ़े रास्ते
ख़तरे ही ख़तरे हैं तेरे वास्ते
दुनिया में आज कल ऐसी भी लूट है
कहने को प्यार है समझो तो झूठ है
देख तू धोख़े में यहाँ
तेरा हाथ है किसके हाथों में
प्यार का करते है जो शोर
ध्यान है तेरा जिनकी ओर
आ मैं बता दूँ कौन है वो
रात में डाकू दिन में चोर
हाथ मैं जोड़ूँ तोरे पडूँ मैं बलमा तोरे पैया
छोड़ के तू मोहे ना जा करूँ मैं बिनती मोरे सैया
सुन ले मोरी अरज़ सजनवा
पूछे तोसे मोरा मनवा
ओ जानेवाले ये तो बता
ओ जानेवाले ये तो बता
जान ले तू जो बात कहूँ मैं इशारो में
बिकते है ईमान यहाँ बाज़ारों में
अंजाने तू न जाने
कोई चाल फैला तेरी राहो में है
कोई बात है जो मेरी बातों में है
तू ये जान ले बातों बातों में
फैसला तुझको आज करना है
डूब जाना है या उभरना है
उस तरफ झूठ है दिखावा है
इस तरफ प्यार का बुलावा है
उस तरफ लालची निगाहें है
इस तरफ मेरे दिल की राहें है