ओ बिछुआ दइया रे दइया रे चढ़ गयो पापी बिछुआ - The Indic Lyrics Database

ओ बिछुआ दइया रे दइया रे चढ़ गयो पापी बिछुआ

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, मन्ना दे | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - मधुमती | वर्ष - 1958

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ल : ओ बिछुआ
हाय रे
पीपल छैंया
बैठी पल भर
हो
धर के गगरिया
हाय रे
को : हाय रे -३ल : होय ओय ओय ओय ओय
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ल : ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ
को : ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ
ल : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआको : कैसो रे पापी बिछुआ बिछुआ -२
ल : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआम : हो
हो ओ
मन्तर फेरूँ हूँ
कोमल काया ओ
छोड़ के जा रे
छू
को : जा रे -३ल : होय ओय ओय ओय ओय
ओ और भी चढ़ गयो
ना गयो पापी बिछुआ
को : ओ और भी चढ़ गयो
ना गयो पापी बिछुआ
ल : कैसी आग लगा गयो पापी बिछुआ
को : ओ कैसी आग लगा गयो पापी बिछुआ
ल : सारे बदन पे छा गयो पापी बिछुआ
को : सारे बदन पे छा गयो पापी बिछुआको : कैसो रे पापी बिछुआ बिछुआ -२
ल : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआल : ओ
हाय रे
मन्तर झूठा
ह बैद भी झूठा
हो
पिया घर आ रे
आ रे
को : आ रे -३ल : ओय ओय ओय ओय
देखो रे देखो रे
देखो उतर गयो बिछुआ
को : ओ देखो रे देखो रे
देखो उतर गयो बिछुआ
म : हे टूट के रह गयो
डन्क उतर गयो बिछुआ
को : ओ टूट के रह गयो
डन्क उतर गयो बिछुआ
ल : सैंया को देख के
जाने किधर गयो बिछुआ
को : ओ सैंया को देख के
जाने किधर गयो बिछुआको : कैसो रे पापी बिछुआ बिछुआ -२
ल : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ल : ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ
को : ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ