मुबारिक सब को फूलों का - The Indic Lyrics Database

मुबारिक सब को फूलों का

गीतकार - नक्षब | गायक - आशा: | संगीत - नशद | फ़िल्म - ज़िंदगी या तूफ़ान | वर्ष - 1959

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मुबारिक सब को फूलों का सजा कर लाए हैं सह्रा
हम अपने दिल के टुकड़ों का बना कर लाए हैं सह्रा
नज़र ग़िअरों से बढ़ कर पयार में अपनों की लगती है
हम अपनी भी निगाहों से बचा कर लाए हैं सह्रा
हम अपने दिल के टुकड़ों का बना कर लाए हैं सह्रा
उथर सर चढ़ के लग जाए गा सह्रा उनके सीने से
इथर हम अपने सीने से लगा कर लाए हैं सह्रा
हम अपने दिल के टुकड़ों का बना कर लाए हैं सह्रा