मैं वाही वाही बात हर दिन नया दिन हर रात नई रात - The Indic Lyrics Database

मैं वाही वाही बात हर दिन नया दिन हर रात नई रात

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - अनुरोध | वर्ष - 1977

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मैं वोही वोही बात
मैं वोही वोही बातमेरे लिए तो
हर दिन नया दिन हर रात नयी रात
मैं वोही वोही बात मेरे लिए तो
हर दिन नया दिन हर रात नयी रात
मैं वोही वोही

आखे या ख़राब तेरे जैसी मिली
साथी नया है जहां पुराण
साथी नया है जहां पुराण
रंग नया है नाम पुराना नाम पुराण
सुबह हो या शाम मुझे मस्ती से काम
मैं वोही वोही बात मेरे लिए तो
हर दिन नया दिन हर रात नयी रात
मैं वोही वोही


अपना ही लहू पी रहा हु
मारने के लिए जी रहा हु
दिल अपना है ग़म अपने है
दिल अपना है ग़म अपने है
दुनिया पराई हम अपने है
मुझे आये न करार मई रहु बेक़रार
क्योंकि हर दिन नया दिन हर रात नयी रात

मैं वोही वोही बात
मैं वोही वोही बात मेरे लिए तो
हर दिन नया दिन हर रात नयी रात
मैं वोही वही बात मै वही
ाओ बतलाओ जबाब हो गया हु
मंदिर पे आके खो गया हो.